Sunday, June 30, 2024

बृद्धजनों की सेवा कर भारत विकास परिषद नव उदय शाखा चंदौसी ने मनाया सेवा पखवाड़ा

भारत विकास परिषद नव उदय शाखा चंदौसी के द्वारा सेवा पखवाड़ा के अंतर्गत वृद्ध आश्रम कैथल गेट चंदौसी में वृद्ध जनों का नेत्र परीक्षण कराया गया। डॉक्टर तनुज गोयल एवं उनके सहयोगी डॉ नमिना, आयुषी एव स्पर्श ने बृद्धजनों का नेत्र परीक्षण किया गया और जरूरत मंदों को दवा तथा चश्मा वितरण किया गया। तथा इसके उपरांत सभी वृद्ध जनों को संस्था के सदस्यों द्वारा भोजन कराया गया। अध्यक्ष प्रभाष चंद्र चौधरी ने कहा कि हमारी संस्था समाज सेवा के लिए समर्पित संस्था है। सेवा पखवाड़ा के अंतर्गत यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है। अध्यक्ष द्वारा चिकित्सक टीम एवम आश्रम व्यवस्था में लगे लोगो को आभार व्यक्त किया और कहा कि  हम भविष्य में भी बृद्धजनों के सेवार्थ कार्य करते रहेंगें। कार्यक्रम का संचालन सुनीता शर्मा ने किया। कार्यक्रम में अतुल शंकर चौधरी, विकास गोयल, पराग बंसल, अंकुर अग्रवाल, मधुर वार्ष्णेय, दीपक गुप्ता एडवोकेट, मोहित गोयल, अंकुर गोयल, विष्णु शर्मा एडवोकेट नितिन गुप्ता, प्रतिमा गोस्वामी, अशोक अग्रवाल, अजय शर्मा, मोनिका शर्मा, पूजा अग्रवाल, श्रीमति सावित्री अग्रवाल एवं, आर्यन गुप्ता, छवि बंसल आदि उपस्थित रहे।





Saturday, June 22, 2024

बॉम्बे उच्च न्यायालय ने असफल रिश्तों से उपजे बलात्कार के मामलों में न्यायिक प्रक्रिया के दुरुपयोग के लिए जुर्माना लगाने के लिए मजबूत तंत्र की मांग की:

बॉम्बे उच्च न्यायालय में साकेत अभिराज झा बनाम महाराष्ट्र राज्य एवं अन्य के मामले में न्यायमूर्ति मनीष पिताले द्वारा जमानत आवेदन संख्या 1893/2024 पर सुनवाई की गई। आवेदक साकेत अभिराज झा का प्रतिनिधित्व श्री ज्योतिराम एस. यादव ने किया, जबकि श्री तनवीर खान महाराष्ट्र राज्य की ओर से तथा सुश्री ममता हसराजनी ने प्रतिवादी संख्या 2 के रूप में पहचानी गई पीड़िता का प्रतिनिधित्व किया।
The case pertains to FIR No. 0728
of 2023, registered on 1st
November 2023 at Kashimira
Police Station, Mira-Bhayander
Vasai-Virar. The charges include
offenses under Sections 376
376(2) (n), 377, 384, 323,504
506, 500 of the Indian Penal
Code (IPC) and Section 67 of the
Information Technology Act,
2000 (IT Act)
ये आरोप पीड़िता द्वारा 1 नवंबर 2023 को दिए गए बयान से निकले हैं, जिसमें झा पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने अक्टूबर 2022 में उसे शराब पीने के लिए मजबूर किया, उसके बाद बिना सहमति के शारीरिक संबंध बनाए, नग्न तस्वीरें और वीडियो रिकॉर्ड किए और पैसे ऐंठे। इसके अलावा, झा ने कथित तौर पर सोशल मीडिया पर उसकी संपर्क जानकारी साझा करके उसे परेशान किया, जिससे उसे और परेशानी हुई।
झा के वकील ने तर्क दिया कि झा और पीड़िता के बीच संबंधों को गलत तरीके से पेश किया गया था और तब से वे सुलह कर चुके हैं। आरोप पत्र दायर होने के बावजूद, उन्होंने तर्क दिया कि पीड़िता द्वारा शिकायत वापस लेने पर विचार किया जाना चाहिए।
जवाब में, राज्य ने आईपीसी की धारा 377 और सोशल मीडिया के माध्यम से अश्लील संदेशों के प्रसार सहित आरोपों की गंभीरता का हवाला देते हुए जमानत का विरोध किया। हालांकि, पीड़िता ने 14 जून 2024 को एक हलफनामे के माध्यम से शिकायत वापस लेने की इच्छा व्यक्त की और झा के साथ अपनी दोस्ती की पुष्टि की, जिससे उनके मतभेदों के समाधान का संकेत मिला।
सभी दलीलों और पीड़िता के हलफनामे पर विचार करने के बाद, न्यायमूर्ति मनीष पिताले ने साकेत अभिराज झा को जमानत दे दी। लगाई गई शर्तों में 50,000 रुपये का पीआर बॉन्ड, काशीमीरा पुलिस स्टेशन में नियमित रूप से रिपोर्ट करना, पीड़िता से सीधे या परोक्ष रूप से संपर्क करने से बचना, कानूनी दायित्वों को छोड़कर अधिकार क्षेत्र से बाहर रहना, सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करना और ट्रायल कोर्ट को संपर्क विवरण उपलब्ध कराना शामिल है।
अदालत ने ऐसे मामलों की लगातार घटनाओं पर भी प्रकाश डाला, जहां व्यक्तिगत विवाद आपराधिक कार्यवाही में बदल जाते हैं, जिसमें पुलिस और अदालत के बहुमूल्य संसाधनों की खपत होती है। इसने भविष्य में इस तरह की बर्बादी करने वाले व्यक्तियों पर भारी जुर्माना लगाने का सुझाव दिया। 
मामला संख्या: एफआईआर संख्या 0728/2023
साकेत अभिराज झा बनाम महाराष्ट्र राज्य और अन्य।

Friday, June 21, 2024

पेपर लीक की घटनाओं पर अब पूर्णतः रोक लगाने का प्रयास- लोक परीक्षा अधिनियम में सजा के कड़े प्रावधान किए गए हैं.


देशभर में नीट पेपर लीक और फिर यूजीसी-नेट परीक्षा के कैंसिल होने को लेकर बवाल मचा हुआ है. इस बीच सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए पेपर लीक को रोकने के लिए एक कड़े कानून को लागू कर दिया है. केंद्र सरकार ने 'लोक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024' अधिसूचित किया है. इस एंटी पेपर लीक कानून का मकसद प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक और नकल को रोकना है. 

केंद्र सरकार ने इसी साल फरवरी में पारित हुए कानून को शनिवार (22 जून) से लागू कर दिया है. इस अधिनियम के तहत अपराधियों के लिए अधिकतम 10 साल की जेल की सजा और एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है. लोक परीक्षा अधिनियम को ऐसे में लागू किया गया है, जब इसे लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से सवाल किया गया था कि इसे कब लागू किया जाएगा. शिक्षा मंत्री ने कहा था कि मंत्रालय नियम बना रहा है.

अगर किए ये 15 काम तो होगी सजा

लोक परीक्षा कानून 2024 में 15 गतिविधियों को चिन्हित किया गया है. इनमें से किसी में भी शामिल होने पर जेल जाने या बैन होने तक की सजा मिल सकती है. नीचे इन 15 गतिविधियों की जानकारी दी गई है.


  1. परीक्षा से पहले प्रश्न पत्र या आंसर की लीक करना.

  2. आंसर-की या पेपर लीक में दूसरे लोगों के साथ आपके शामिल होने पर.

  3. बिना किसी अधिकार के प्रश्न पत्र या ओएमआर शीट देखने या अपने पास रखने पर.

  4. परीक्षा के दौरान किसी भी अनधिकृत व्यक्ति द्वारा एक या उससे ज्यादा सवालों के जवाब बताने पर.

  5. किसी भी परीक्षा में उम्मीदवार को किसी भी तरह से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से जवाब लिखने में मदद करने पर.

  6. आंसर शीट या ओएमआर शीट में गड़बड़ी करने की स्थिति में.

  7. बिना किसी अधिकार या बिना बोनाफायड एरर के असेसमेंट में कोई हेरफेर करने पर.

  8. किसी भी परीक्षा के लिए केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित मानकों और नियमों की जानबूझकर अनदेखी या उल्लंघन करने की अवस्था में.

  9. किसी भी ऐसे डॉक्यूमेंट से छेड़छाड़ करने पर, जो कैंडिडेट की शॉर्टलिस्टिंग या उसकी मेरिट या रैंक निर्धारित करने के लिए जरूरी माना जाता है.

  10. परीक्षा के संचालन में गड़बड़ी कराने की नीयत से जानबूझकर सुरक्षा मानकों का उल्लंघन करने पर.

  11. कंप्यूटर नेटवर्क, कंप्यूटर रिसोर्स या किसी भी कंप्यूटर सिस्टम से छेड़खानी करने को भी इसमें शामिल किया गया है.

  12. एग्जाम में घपला करने की नीयत से उम्मीदवार के सीटिंग अरेंजमेंट, एग्जाम डेट या शिफ्ट के आवंटन में गड़बड़ी करने पर.

  13. पब्लिक एग्जाम अथॉरिटी, सर्विस प्रोवाइडर या किसी भी सरकारी एजेंसी से संबंधित लोगों को धमकाने या किसी परीक्षा में व्यवधान पैदा करने पर.

  14. पैसे ऐंठने या धोखाधड़ी करने के लिए फर्जी वेबसाइट बनाने पर.

  15. फर्जी परीक्षा कराने, फर्जी एडमिट कार्ड या ऑफर लेटर जारी करने पर भी सजा हो सकती है।

इस कानून का मुख्य उद्देश्य परीक्षाओं में अनुचित तरीकों के इस्तेमाल पर रोक लगाना है. कानून में आरोपियों को 3 से 10 साल तक की सजा और न्यूनतम एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने का प्रावधान भी है. 

To download act go to link below:

Monday, June 17, 2024

भारत विकास परिषद नवउदय शाखा चन्दौसी ने दायित्व बोध कार्यक्रम आयोजित किया

चन्दौसी।
भारत विकास परिषद नव उदय शाखा चंदौसी का दिनांक 16 जून 2024 को रोटरी सभागार चंदौसी में दायित्व बोध कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में अजय बिश्नोई क्षेत्र सचिव संस्कार, निर्मल मेहता क्षेत्रीय सचिव सेवा, श्री आलोक अग्रवाल प्रांतीय अध्यक्ष, डॉ गौरव वार्ष्णेय प्रांतीय उपाध्यक्ष सेवा, माधव गुप्ता प्रांतीय वित्त सचिव, राहुल वार्ष्णेय प्रांतीय संयोजक संपर्क, जगन्नाथ चावला पूर्व प्रांतीय अध्यक्ष, सोमप्रकाश वार्ष्णेय पूर्व प्रांतीय उपाध्यक्ष ने दीप प्रचलित करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया। अंकुर अग्रवाल द्वारा भारत विकास परिषद का परिचय दिया गया। विष्णु शर्मा एडवोकेट ने सत्र 2023- 2024 में कराए गए कार्यक्रमों के विषय में विस्तार से बताया। कार्यक्रम में उपस्थित प्रांतीय दायित्वान अधिकारियों ने नवनियुक्त कार्यकारिणी को पदभार ग्रहण कराया तथा नवनियुक्त कार्यकारिणी को पद एवं गोपनीयता की शपथ ग्रहण कराई।  इसके उपरांत परिषद के नए दायित्वान कार्यकर्ताओं की घोषणा की गई जिसके अंतर्गत अजय शर्मा संस्कार प्रमुख, मोहित गोयल संपर्क प्रमुख, मधुर वार्ष्णेय नगर संयोजक, पुष्पेंद्र राघव संयोजक भारत को जानो, नीलिमा गुप्ता गुरु वंदन छात्र वंदन संयोजक, अंकुर अग्रवाल संगठन मंत्री, अंकुर अग्रवाल महापुरुष जयंती संयोजक, नितिन गुप्ता सदस्यता विस्तार प्रमुख, विष्णु शर्मा एडवोकेट मीडिया प्रभारी, दीपक गुप्ता विधिक शिविर संयोजक, कल्पना गुप्ता राष्ट्रीय समूह गान प्रतियोगिता संयोजक, मनीष गर्ग स्थाई प्रकल्प संयोजक, अर्चना शर्मा महिला सहभागिता संयोजक, नीतू अग्रवाल वृक्षारोपण एवं पर्यावरण जागरूकता संयोजक, श्रीमती निधि गोयल को संयोजक युवा सहभागिता बनाया गया जिसकी घोषणा कार्यक्रम में उपस्थित प्रांतीय अधिकारियों ने की। स्कूली बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। परिषदीय कार्यों में मीडिया सहयोगी रहे अंकित शर्मा, आलोक शर्मा, मयंक सक्सेना, एसके सक्सेना, मनीष शर्मा, अर्पित मेहरोत्रा, राहुल सक्सेना, अनिल सागर एवं विकास चौधरी को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया तथा चंदौसी बार एसोसिएशन के नवनियुक्त सचिव सचिन गोयल का स्वागत किया गया। कार्यक्रम में अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।






Sunday, June 16, 2024

सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षक को नियुक्ति देने से इनकार करने पर मध्य प्रदेश सरकार पर 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया, सरकार से कहा कि वह दोषी अधिकारियों से यह राशि वसूले

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार पर हाई कोर्ट के आदेश की अवहेलना करने और अनुबंध के आधार पर चयनित 'संविदा शिक्षक' को वैध नियुक्ति देने से इनकार करने के लिए 10,00,000/- (दस लाख रुपये) का जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह शिक्षक को राहत देने से इनकार करने के लिए जानबूझकर, अवैध, दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई करने वाले दोषी अधिकारियों से उक्त राशि वसूल करे।

Saturday, June 15, 2024

स्वाध्याय मंडल के माध्यम से न्याय की अलख जगा रही है अधिवक्ता परिषद-संजीव सिंह


अधिवक्ता परिषद ब्रज जनपद सम्भल द्वारा चंदौसी बार एसोसिएशन सभागार में स्वाध्याय मंडल की बैठक का आयोजन किया गया जिसमें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के चीफ डिफेंस काउंसिल संजीव कुमार सिंह ने बताया कि विधिक सेवा प्राधिकरण एक का गठन सन 1987 में पारित अधिनियम के माध्यम से किया गया है। विधिक सेवा प्राधिकरण सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालय,जनपद न्यायालय व तहसील न्यायालयों में भी कार्य करता है। विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से वंचितों, दलितों, निर्धनों, महिलाओंऔर बच्चों को न्यायालय के माध्यम से निशुल्क न्याय दिलाने का कार्य है। इसके माध्यम से सुलह समझौते के आधार पर लोक अदालतों में वादों का निपटारा भी किया जाता है। अधिवक्ता परिषद गरीबों और वंचितों को न्याय दिलाने के लिये अच्छा कार्य कर रही है। स्वाध्याय मंडल के माध्यम से नवीन अधिवक्ताओं को कानूनी विषयों की जानकारी प्रदान की जा रही।
बैठक की अध्यक्षता श्रीगोपाल शर्मा ने की तथा बिषय का प्रस्तुतिकरण व संचालन विष्णु शर्मा ने किया।
कार्यक्रम में अमरीश अग्रवाल,अरविंद कुमार,कमल कुमार,  एसपी वार्ष्णेय, प्रशांत पाठक, श्यामेंद्र सिंह, सुनील कुमार सिंह, देवराज सिंह, विभोर बंसल, सचिन गोयल, सुनील कुमार सिंह, मयंक गोयल, प्रवीण गुप्ता, रीता सिंह, कविता चौहान, किरण शर्मा आदि अधिवक्ता उपस्थित रहे।