Thursday, June 8, 2023

Nstep के माध्यम से आधुनिक तरीके से नोटिस/सम्मन तामीली की प्रक्रिया शीघ्र ही लागू की जाएगी।

तामीली प्रक्रिया के सांकेतिक छायाचित्र।

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि कोर्ट प्रक्रिया में सम्मन और वारंट की तामीली केस के प्रारंभ करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका है लेकिन विपक्षी पर तामील ना हो पाने के कारण या समय पर समन वापस ना आने के कारण कोर्ट का काफी समय खराब होता है जिसको देखते हुए वर्तमान तकनीकी सुविधाओं का इस्तेमाल करते हुए NStep को न्यायिक प्रणाली का हिस्सा बनाया जाना वक्त की जरूरत है। इसकी जरूरत काफी लंबे समय से महसूस की जा रही थी। NStep सिस्टम को हम ऐसे समझ सकते हैं - जब भी हम कोई सामान ऑनलाइन माध्यमों से मंगाते हैं तो डिलीवरी ब्वॉय सामान हमें सौंपते समय डिजिटल मशीन पर हमसे भी डिजिटल साइन लेते हैं और वह साइन करते ही या डिलीवरी बॉय द्वारा मशीन पर डिलीवर लिखते ही सरवर में अपने आप ही ग्राहक को सामान की डिलीवरी का संदेश दर्ज हो जाता है और प्रक्रिया पूर्ण हो जाती है।
इसी आधार पर N - स्टेप प्रोसेस मैनेजमेंट भी काम करता है वर्तमान में नजारत से जाने वाले कोर्ट कर्मचारी या प्रोसेस सर्वर विपक्षी को तामिली हेतु वारंट या समन लेकर जाते हैं और उसे वांछित/विपक्षी के दरवाजे पर चस्पा कर अपनी टिप्पणी के साथ माननीय न्यायालय के कार्यालय में पहुंचाते हैं लेकिन N-स्टेप प्रोसेस मैनेजमेंट सिस्टम लागू होने पर न्यायिक कर्मचारी को डिजिटल-GPS मशीन दी जाएगी जिनके द्वारा विपक्षी के स्थान पर पहुंचेंगे तो अपनी उपस्थिति ऑनलाइन उस मशीन में दर्ज करेंगे प्रोसेस को सामान्य वारंट को वांछित व्यक्ति पर तामिली करा कर उसकी फोटो को मशीन में दर्ज करेंगे और ऐसा दर्ज करते ही ऑटोमेटिक मशीन से मैसेज प्रोसेस सर्वर की रिपोर्ट के साथ मैसेज कोर्ट -सर्वर में डेटा दर्ज होकर सम्बन्धी कोर्ट फ़ाइल के कॉलम में समन/वारंट की उपस्थिति तुरन्त आ जायेगी और तामीली पर्याप्त मानी जाएगी इस सुविधा के उपलब्ध आ जाने से समन / वारंट प्रक्रिया की तामिली में जो समय व्यर्थ होता है एवं कई बार अपूर्ण तामीली या गवाहों के हस्ताक्षर ना होने के कारण जो अपर्याप्त तामीली या बचने का बचाव होता है उसमें भी सुधार आएगा क्योंकि क्योंकि प्रोसेस सर्वर और वांछित व्यक्ति या उसके घर पर तामिली के दौरान या चस्पा के दौरान ली गई फोटो साक्ष्य के रूप में अपने आप ही न्यायालय के डाटा में दर्ज हो जाएंगे जोकि जो कि न्यायालय का समय खराब होने से बचाएगा एवं वादकारी के लिए भी हितकर होगा।
इस प्रक्रिया के मुख्य लाभ हैं-
*इलेक्ट्रॉनिक रूप में नोटिस/समन भेजने में सक्षम बनाता है

* प्रक्रिया सेवा में अत्यधिक देरी को कम करने के लिए दूरस्थ स्थानों से रीयलटाइम अपडेट पोस्ट करना और रिकॉर्ड करना

*डाक द्वारा अंतर-जिला या अंतर-राज्यीय प्रक्रिया को पूरा करने के लिए लगने वाले समय को इलेक्ट्रॉनिक रूप में सेवा देने से काफी कम किया जाता है

*सभी हितधारकों द्वारा प्रक्रिया और सम्मन की सेवा की पारदर्शी ट्रैकिंग

 *भुवन मैप्स के साथ जीपीएस कनेक्टिविटी (इसरो द्वारा विकसित भारत का भू-मंच)
- रोहित श्रीवास्तव, एडवोकेट देहरादून

No comments:

Post a Comment