सुप्रीम कोर्ट ने सबूतों और अभियोजन पक्ष में कमजोरियां देखने के बाद हाल ही में किशोर की हत्या और अपहरण के मामले में तीन लोगों को बरी कर दिया। ट्रायल कोर्ट ने दो आरोपियों को मौत की सजा सुनाई थी, जिसे हाई कोर्ट ने बरकरार रखा था। मामले में दोषी तीसरे आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।
सभी आरोपियों की दोषसिद्धि और सजा को रद्द करते हुए सुप्रीम कोर्ट यह देखकर हैरान रह गया कि ट्रायल कोर्ट और हाईकोर्ट ने आरोपियों को दोषी पाया और अभियोजन पक्ष के मामले में "असंख्य कमजोरियों और खामियां के बावजूद" उनमें से दो को मौत की सजा देने की हद तक चले गए।"
केस टाइटल: राजेश और अन्य बनाम मध्य प्रदेश राज्य, आपराधिक अपील नंबर 793-794/2022
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