Monday, July 19, 2021

विवाहित होने के कारण लिव इन रिलेशनशिप मे रहने पर सेवा से बर्खास्तगी उचित नहीं: हाई कोर्ट (प्रयागराज)

प्रयागराज  माननीय उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति पंकज भाटिया ने अपने  महत्वपूर्ण  निर्णय  (दिनांक 14 जुलाई 2021) में कहा है कि किसी पुरुष के विवाहित होते हुए किसी अन्य महिला के साथ लिव इन रिलेशन में रहने वाले सरकारी कर्मचारी को सेवा से बर्खास्तगी को अनुचित बताया । कोर्ट ने माना कि सेवा से बर्खास्तगी एक कठोर दंड है।
बर्खास्तगी आदेश को निरस्त करते हुए कोर्ट ने कहा कि याची को सेवा में फिर से बहाल किया जाए और विभाग चाहे तो दूसरा मामूली दंड दे सकता है। गोरेलाल वर्मा की याचिका पर न्यायमूर्ति पंकज भाटिया ने उक्त आदेश दिया है। याचिका में कहा गया कि गोरेलाल की शादी लक्ष्मीदेवी से हुई है,जो कि जीवित है,लेकिन वह हेमलता नाम की अन्य महिला के साथ लिव इन रिलेशनशिप मे रहता है और दोनों के तीन बच्चे हैं।

इस आधार पर 31 अगस्त 2020 को उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। इस आदेश के विरूद्ध उसने विभागीय अपील की वह भी खारिज कर दी गई।

विभाग का मानना है कि उसका यह कार्य सरकारी सेवक आचरण नियमावली 1956 और हिंदू विवाह अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत है। याची के वकील ने तर्क प्रस्तुत किया कि मा उच्च न्यायालय ने अनीता यादव बनाम उत्तरप्रदेश राज्य के केस में इस प्रकार के मामले में बर्खास्तगी का आदेश रद्द कर दिया था। और इस मामले में माननीय सर्वोच्च न्यायालय में अपील होने पर भी माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने एक अन्य मामले श्रवण कुमार पांडेय बनाम उत्तर प्रदेश राज्य व अन्य के निर्णय का संदर्भ लेते हुए उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप करने से मना कर दिया।


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