सुप्रीम कोर्ट ने 26 सितंबर को दिए गए एक महत्वपूर्ण फैसले में चिकित्सा लापरवाही के मामलों के संदर्भ में रेस इप्सा लोकिटुर के सिद्धांत की प्रयोज्यता की पुष्टि की, उन मामलों में इसकी प्रयोज्यता पर जोर दिया जहां लापरवाही स्पष्ट है और सबूत का बोझ अस्पताल या मेडिकल प्रैक्टिशनर पर डाल दिया गया है। रेस इप्सा लोकिटुर का अर्थ है "चीज अपने आप बोलती है"। न्यायालय ने भारतीय वायु सेना के एक पूर्व अधिकारी को 1.5 करोड़ रुपये का मुआवजा देते हुए इस सिद्धांत की पुष्टि की, जो एक सैन्य अस्पताल में ब्लड ट्रांसफ्यूजन के दौरान एचआईवी से संक्रमित हो गया था।
LAWMAN Times is a medium of legal news update, legal awareness and social news portal under the aegis of Lawman Associate Services (Legal & Management Consultants). Registered under MSME Udyam (Govt. of India)
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Court Imposes Rs. 10,000/- Cost For Filing Affidavit WithoutDeponent's Signature, DirectsRemoval Of OathCommissioner For Fraud:Allahabad High Court
Allahabad Hon'ble High Court (Case: CRIMINAL MISC. BAIL APPLICATION No. 2835 of 2024) has taken strict action against an Oath Commission...
-
संभल-जिला उपभोक्ता आयोग संभल ने आयोग के आदेश का अनुपालन न करने पर उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष व चंदौसी खंड के अधिशास...
-
आज प्रदेश के अधिवक्ताओं की समस्याओं को लेकर माननीय चेयरमैन बार काउंसिल श्री मधुसूदन त्रिपाठी जी के साथ माननीय मुख्यमंत्री महोदय ...
-
सुप्रीम कोर्ट ने एक आरोपी की जमानत याचिका पर विचार करते हुए आर्य समाज द्वारा जारी एक विवाह प्रमाण पत्र को स्वीकार करने से इनकार ...
No comments:
Post a Comment