सुश्री मोनिका अरोरा जी
अधिवक्ता सर्वोच्च न्यायालय
मोनिका अरोड़ा जी (जन्म 28 अगस्त 1973) सर्वोच्च न्यायालय, दिल्ली उच्च न्यायालय और दिल्ली जिला न्यायालयों में वकालत करती हैं। वह दिल्ली उच्च न्यायालय में भारत सरकार की स्थायी शासकीय अधिवक्ता के रूप में भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करती हैं।
आप दिल्ली के दंगों पर हकीकत बयां केने वाली और सबसे अधिक बिकने वाली पुस्तक 'दिल्ली रायट्स 2020: द अनटोल्ड स्टोरी' की लेखिका भी हैं इस पुस्तक की 50,000 से अधिक प्रतियां बेची जा चुकी हैं।
हिंदी, संस्कृत और शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें साहित्य श्री पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है।
मैं अपने इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए प्रोफेसर से वकील बनी। दिल्ली विश्वविद्यालय में प्राध्यापक का पद छोड़कर वकील बनने के लिए जब मैंने अपने निर्णय के बारे में अपने परिवार में बताया तो पूरे परिवार में एक भूचाल सा आ गया 10 से 2 बजे तक का जॉब करके एक सुरक्षित जीवन जीने बाली लड़की को अचानक क्या सोचा कि वह एक वकील बनना चाहती है।
जब आप मॉर्निंग वॉक पर जाते हैं और रात को काम करके अपने घर पर लौटते हैं तब तक किसी न किसी आदमी को एक वकील की आवश्यकता पडती है। एक महिला वकील को पुरुषों की अपेक्षा ज्यादा मेहनत व त्याग करना पड़ता है क्योंकि उसे अपने परिवार को भी संभालना है और बाहर लोगों की मदद भी करनी है।
आप ऐसे ही लॉ नहीं कर सकते कि चलो कुछ नहीं तो लॉ ही कर लेते हैं क्योंकि इस प्रोफेशन में हर कदम पर समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
आपको अपनी पूरी केस फाइल कई बार पढ़नी होती है, पंक्चुअल होना पड़ता है, पक्षकार के प्रति ईमानदार होना होता है यदि आप ऐसा कर पाते हैं तो आपको आकाश जितनी ऊँचाइयों को छूने से कोई नही रोक सकता।"
कानूनी वेवसाइट को दिए गए साक्षात्कार में उन्होने अपने अनुभव साझा किये।
इस शृंखला के आगामी लेख में अन्य किसी अधिवक्ता विशेष की जानकारी दी जाएगी। यदि आप भी कोई प्रेरणादायक अधिवक्ता/न्यायाधीश की जानकारी साझा करना चाहें तो ई मेल या व्हाट्सएप कर सकते हैं।lawmanservices@gmail.com
व्हाट्सएप नम्बर- 9716555911
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