Saturday, May 14, 2022

[नोटरी अधिनियम की धारा 13] वकील, नोटरी द्वारा किए गए अपराधों का संज्ञान नहीं ले सकते; चार्जशीट दाखिल करने और संज्ञान लेने के लिए केंद्र/राज्य की अनुमति आवश्यक: कर्नाटक हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) ने फैसला सुनाया कि नोटरी अधिनियम की धारा 13 के अनुसार, एक वकील और नोटरी द्वारा किए गए अपराधों के लिए न्यायालय द्वारा संज्ञान लेने के लिए एक बार है, जबकि अधिनियम के तहत चार्जशीट दाखिल करने और संज्ञान लेने के लिए केंद्र सरकार या राज्य सरकार से पुलिस को अनुमति प्राप्त करनी होगी। जस्टिस के नटराजन की एकल पीठ ने केंद्र सरकार के नोटरी प्रवीण कुमार आद्यापडी और ईश्वर पुजारी द्वारा दायर याचिका को स्वीकार कर लिया और उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 366, 420, 465, 468, 472, 376, 120 ए, 114, 120 बी, 34 और पोक्सो अधिनियम की धारा 4, 6, 17, 12 और बाल विवाह निरोधक अधिनियम की धारा 9, 10 और 11 के तहत लंबित कार्यवाही को रद्द कर दिया।

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