Monday, July 19, 2021

अस्पताल एक बड़ा उद्योग बन चुके हैं नागरिकों के जीवन के मूल्यों पर उनको संरक्षण नहीं दिया जा सकता: सुप्रीम कोर्ट

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एमआर शाह की एक खंडपीठ 26.11.2020 को गुजरात के राजकोट में हुई घटना के संबंध में स्वत: संज्ञान से एक मामले की सुनवाई कर रही थी, जिसमें कोविड अस्पताल में कोविड (कोरोना संक्रिमत) रोगियों की मृत्यु हो गई थी।
माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने 18 दिसंबर 2020 अस्पतालों में सुरक्षा मानकों के संदर्भ में जारी दिशा निर्देशों के विषय में भी गुजरात सरकार द्वारा समय सीमा बढाये जाने के लिये भी चेताया।
जस्टिस चंद्रचूड़ ने राजकोट में एक अस्पताल में लगी आग के विषय में भी कहा जिसमें एक कोविड-19 मरीज सही हो गया था और उसकी अगले दिन छुट्टी होनी थी और दो नर्स दोनों  वॉशरूम में गई हुई थी और वहीं पर जिंदा जल गई।
जस्टिस चंद्रचूड़ ने अस्पताल में लगी आग से हुई ट्रेजेडी  को एक दुखद घटना बताया और इस मामले को 2 सप्ताह बाद लिस्ट किए जाने का आदेश भी दिया।

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