Wednesday, July 21, 2021

वाहनों में मॉडिफाइड साइलेंसर लगाकर ध्वनि प्रदूषण करने वालों के विरुद्ध उच्च न्यायालय ने कठोर कार्यवाही करने का निर्देश दिया।


इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने मंगलवार को वाहनों के सायलेंसर में परिवर्तन कराकर तेज आवाज करने के  मामले का स्वयं संज्ञान लेकर वाहनों से होने वाले ध्वनि प्रदूषण को सख्ती से रोकने का आदेश संबंधित अधिकारियों को दिया है। न्यायालय ने परिवहन व गृह विभाग के प्रमुख सचिव, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी), राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष समेत पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) यातायात लखनऊ से 10 अगस्त को कृत कार्रवाई की रिपोर्ट तलब की है।
न्यायमूर्ति अब्दुल मोईन ने यह अहम आदेश खुद संज्ञान लेकर ‘मॉडीफाइड सायलेंसर से ध्वनि प्रदूषण’ शीर्षक से जनहित याचिका कायम करने के निर्देश देकर इस पर पारित किया।
न्यायालय ने राज्य के अधिकारियों को आदेश दिया कि मामले पर गौर करके  सायलेंसरों में तब्दीली कर ध्वनि प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्यवाही करें। न्यायालय ने प्रदेश के परिवहन व गृह विभाग के प्रमुख सचिवों, डीजीपी, एसपीसीबी के चेयरमैन समेत डीसीपी यातायात, लखनऊ को याचिका में पक्षकार बनाए जाने के निर्देश देकर उन्हें इस आदेश की कॉपी भेजे जाने को कहा है। कोर्ट ने इन अफसरों को निर्देश दिया कि 10 अगस्त को वे अपने शपथपत्र पर कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करें।
न्यायालय ने मोटर वाहन कानून के प्रावधानों व नियमों के हवाले से कहा कि दुपहिया या अन्य वाहनों के सायलेंसरों में तब्दीली कर कानफोड़ू आवाज का प्रदूषण पैदा कर आम लोगों को असुविधा में डालना गंभीर सरोकार का मामला है। जिसको शुरुआती स्तर पर ही गौर कर संबंधित प्राधिकारियों द्वारा निपटाया जाना चाहिए था।

जब प्राधिकारियों ने इस पर गौर नहीं किया तो कोर्ट ने इसका संज्ञान लिया। इस टिप्पणी के साथ कोर्ट ने उक्त सख्त आदेश देकर याचिका को 10 अगस्त को जनहित याचिका से संबंधित बेंच के समक्ष पेश करने का निर्देश दिया है।
सूत्र अमर उजाला

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