सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि हाईकोर्ट के समक्ष दायर याचिका में इस तरह का आदेश पारित करने की गुहार भी नहीं लगाई गई थी। बावजूद इसके हाईकोर्ट ने डीजे पर प्रतिबंध का आदेश पारित कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कानून के तहत ऐसा नहीं किया जा सकता।
सुनवाई के दौरान इस कारोबार से जुड़े लोगों की ओर से अधिवक्ता दुष्यंत पाराशर का कहना था कि डीजे ऑपरेटर विवाह समारोह, जन्मदिन पार्टी और खुशी के अन्य मौकों पर अपनी सेवाएं देकर अपना जीवन- यापन करते हैं। हाईकोर्ट के आदेश से उनकी आजीविका पर संकट पैदा हो गई है। याचिका में कहा गया है यह उनके मौलिक अधिकारों का भी उल्लंघन है।
सुनवाई के दौरान इस कारोबार से जुड़े लोगों की ओर से अधिवक्ता दुष्यंत पाराशर का कहना था कि डीजे ऑपरेटर विवाह समारोह, जन्मदिन पार्टी और खुशी के अन्य मौकों पर अपनी सेवाएं देकर अपना जीवन- यापन करते हैं। हाईकोर्ट के आदेश से उनकी आजीविका पर संकट पैदा हो गई है। याचिका में कहा गया है यह उनके मौलिक अधिकारों का भी उल्लंघन है।
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