सम्भल
भारतीय इतिहास संकलन समिति के तत्वावधान में हिंदू साम्राज्य दिवस पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया ।
नगर के साहनी वाला फाटक में स्थित शिव मंदिर में सर्वप्रथम छत्रपति शिवाजी महाराज के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके पुष्प अर्पित किए गए ।
ज्ञान प्रकाश उपाध्याय ने शिवाजी महाराज के जीवन पर डालते हुए काव्य पाठ प्रस्तुत किया ।
जिला अध्यक्ष अजय कुमार शर्मा ने कहा छत्रपति शिवाजी महाराज एक भारतीय शासक थे जिन्होंने मराठा साम्राज्य खड़ा किया था इसीलिए उन्हें एक अग्रगण्य वीर एवं अमर स्वतंत्रता-सेनानी स्वीकार किया जाता है। वीर शिवाजी राष्ट्रीयता के जीवंत प्रतीक एवं परिचायक हैं । शिवाजी राष्ट्रवाद के विचार में विश्वास करते थे, जहाँ उनकी प्रजा का कल्याण और समृद्धि सर्वोपरि थी। उन्होंने विदेशी शासन से मुक्त एक ऐसी भूमि की कल्पना की, जहाँ प्रत्येक नागरिक को पनपने का अवसर मिले ।
प्रवीण रस्तौगी ने कहा शिवाजी का नाम साहस, स्वतंत्रता की भावना और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का एक आदर्श उदाहरण है, जो हमें लचीलेपन की शक्ति और सभी के लिए न्याय और समानता की खोज की याद दिलाता है।
मीनू रस्तौगी ने कहा 6 जून 1674 को हिंदू साम्राज्य की स्थापना छत्रपति शिवाजी महाराज ने की थी । 6 जून का दिन पूरे हिंदुस्तान के लिए बड़ा गौरवमयी माना जाता है। इसी दिन मुगलों को परास्त करके शिवाजी वापस लौटे थे और उनका सम्राट के रूप में राज्याभिषेक हुआ था।
पंकज सांख्यधर ने कहा छत्रपति शिवाजी महाराज का जीवन वीरता, दृढ़ संकल्प और अपने लोगों के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के लिए समर्पित था। उनकी लड़ाइयों, संघर्षों और प्रशासनिक कौशल ने मराठा साम्राज्य की स्थापना की और भारतीय इतिहास की दिशा को आकार दिया। आज भी शिवाजी की विरासत राष्ट्रीय गौरव के प्रतीक के रूप में जीवित है और अपनी असाधारण उपलब्धियों से लाखों लोगों को प्रेरित करती है।
इस अवसर पर सुभाष चंद्र शर्मा, अतुल कुमार शर्मा, अमन सिंह, राजेंद्र सिंह गुर्जर, प्रवीण रस्तोगी, मीनू रस्तोगी, शलभ रस्तोगी, विपिन कुमार, वैभव गुप्ता, पंकज सांख्यधर, ज्ञान प्रकाश उपाध्याय आदि उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष अजय कुमार शर्मा ने तथा संचालन जिला सहमंत्री सुबोध कुमार गुप्ता ने किया।
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