Sunday, May 15, 2022

राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग द्वारा पारित किसी आदेश को हाईकोर्ट के समक्ष संविधान के अनुच्छेद 227 के तहत रिट याचिका में चुनौती दी जा सकती है : सुप्रीम कोर्ट



सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 की धारा 58 (1) (ए) (iii) के तहत अपील में राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (National Consumer Disputes Redressal Commission) (NCDRC) द्वारा पारित किसी आदेश को हाईकोर्ट के समक्ष संविधान के अनुच्छेद 227 के तहत दायर एक रिट याचिका में चुनौती दी जा सकती है।
जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ ने कहा कि एनसीआरडीसी अनुच्छेद 227 के तहत आने वाला एक "ट्रिब्यूनल" है। सुप्रीम कोर्ट के समक्ष प्रश्न में एनसीडीआरसी के आदेश के खिलाफ दायर अनुच्छेद 227 याचिका को सुनवाई योग्य माना गया। ( इबरत फैजान बनाम ओमेक्स बिल्डहोम प्राइवेट लिमिटेड)

No comments:

Post a Comment

Provisio of 223 of BNSS is Mandatory

Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita, 2023 Section 223 and Negotiable Instruments Act, 1881 Section 138 - Complaint under Section 138 of NI Ac...