Friday, July 4, 2025

बीमा कंपनी अदा करे 5130000 रु - जिलाउपभोक्ता आयोग

बहजोई निवासी ममता देवी के पति ने एक्सिस बैंक से अपने व्यापार करने के लिए ऋण लिया था जिसकी सुरक्षा हेतु बैंक ने मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी से उनकी एक जीवन बीमा पॉलिसी 51 लाख ₹30000 की जारी की ममता के पति की मृत्यु 27 अगस्त 2023 को घर परी हो गई थी बैंक अपने ऋण की वसूली के लिए परिवादिनी पर दबाव बनाया जाने लगा तब  परिवादिनी का कहना था कि मेरे पति की मृत्यु के उपरांत उनके बीमा पॉलिसी से भुगतान लेकर उनके खाते को बंद कर दिया जाए तथा जो सर धनराशि बचे वो मुझे वापस कर दिया जाए परंतु इंश्योरेंस कंपनी और बैंक ने उसकी कोई बात नहीं सुनी तो उन्होंने उपभोक्ता मामलों के विशेषज्ञ अधिवक्ता लव मोहन वार्ष्णेय से संपर्क किया और अपनी सारी व्यथा बताई तो लव मोहन वार्ष्णेय एडवोकेट द्वारा ममता की ओर से जिला उपभोक्ता आयोग में एक परिवाद प्रस्तुत किया गया जहां आयोग दोनों पक्षों को तलब किया बैंक की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ तो उनके विरुद्ध एकपक्षीय कार्यवाही की गई तथा बीमा की कंपनी की ओर से उपस्थित होकर बीमा कंपनी ने आयोग को बताया की बीमा प्राप्त कर्ता स्वर्गीय कमल सिंह डायबिटीज टीवी आदि बीमारी से ग्रस्त थे जिस कारण उनकी पॉलिसी को शून्य घोषित किया गया है परंतु विपक्षी उनकी पूर्व बीमारियों को सिद्ध करने में असफल रही और उनकी ओर से लगाए गए इलाज के पर्चे भी सिद्ध नहीं कर पायी लव मोहन वार्ष्णेय एडवोकेट द्वारा आयोग को बताया गया कि बीमा कंपनी द्वारा बीमा धनराशि अदा करने से बचने के लिए झूठे व मनगढ़ंत पर्चा को दाखिल किया गया है जैसा कि अवलोकन से ज्ञात किया जा सकता हैं उन पर्चो पर न तो डॉक्टर का नाम अंकित है और न ही पूरे कॉलम रिपोर्ट के भरे हुए हैं।
आयोग दे दोनों पक्षों को सुना और अपना निर्णय देते हुए बीमा कंपनी मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को आदेशित किया कि वह परिवादिनी ममता देवी को बीमा धनराशि मुबलिग 5130000,रु इक्यावन लाख तीस हजार रुपए उस पर परिवाद संस्थान की तिथि से 7% वार्षिक ब्याज सहित अंदर दो माह में अदा करें।
इसके अलावा विपक्षी परिवादी को मुबलिग 20000 बीस हजार रुपए मानसिक कस्ट एवं आर्थिक हानि के मद में तथा 5000रु पांच हजार रुपए वाद व्यय के मद में भी अदा करेगी।
नियत अवधि में धनराशि अदा न किए जाने की दशा में ब्याज 9% वार्षिक की दर से देय होगा।

Thursday, July 3, 2025

सम्भल हरिहर मंदिर विवाद में अगली सुनवाई 21 जुलाई को


संभल हरिहर मंदिर विवाद में बड़ी पक्ष के अधिवक्ता श्री गोपाल शर्मा द्वारा इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा पारित निर्णय दिनांक 19 मार्च 2025 के आदेश की प्रति सिविल जज आदित्य कुमार सिंह के न्यायालय में प्रस्तुत की गई जिसका माध्यम से बताया गया कि हाईकोर्ट ने जामा मस्जिद कमेटी द्वारा योजित याचिका निरस्त कर दी गयी है जिसमे हाईकोर्ट ने दिनांक 19 नवम्बर 2024 को सिविल जज सीनियर डिवीजन सम्भल द्वारा दिए गए सर्वे कमीशन के आदेश को सही ठहराते हुए निचली अदालत में लगी सुनवाई पर लगी रोक हटा दी है।

ए एस आई और भारत सरकार के अधिवक्ता विष्णु कुमार शर्मा ने बताया कि प्रतिवादी संख्या 2, 3 व 4  की ओर से पूर्व में ही जबाब दावा प्रस्तुत किया जा चुका है और हाई कोर्ट से भी सुनवाई पर लगी रोक हटा दी गयी है। ऐसी स्तिथि में वाद की कार्यवाही प्रारंभ  हो जानी चाहिये। सिमरन गुप्ता द्वारा उपरोक्त वाद में पक्षकार बनाये जाने हेतु प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया। जिसकी प्रति वादी प्रतिवादी पक्षकार को उपलब्ध कराए जाने को न्यायालय ने कहा। अग्रिम कार्यवाही के न्यायालय द्वारा दिनांक 21/07/2025 नियत की गई है।

बीमित की मृत्यु के उपरान्त नवीनीकृत कराई गई लेप्स पॉलिसी का भुगतान नहीं किया जा सकता


रजपुरा जिला संभल निवासी मटरू ने आई. सी. आई. सी. आई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस कंपनी से अपने जीवन सुरक्षा हेतु  एक जीवन बीमा पॉलिसी ली थी। बीमित मटरू की मृत्यु दिनांक 12/01/2022 को हो गई जिसका क्लेम दावा परिवादिनी अमजदी पत्नी मटरू ने जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग सम्भल में अपने अधिवक्ता के माध्यम से योजित किया और बीमा कंपनी से 12% ब्याज सहित 804000 रुपए की धनराशि की मांग की।

बीमा कंपनी की ओर से अधिवक्ता ने अपना प्रतिवाद पत्र प्रस्तुत करते हुए कहा कि बीमित द्वारा बीमा पॉलिसी की किस्त अन्तिम रूप से दिनांक 25/10/2021 को अदा की गई थी और इसके उपरांत अगलु मासिक क़िस्त अगले माह 30/11/2021 को अदा की जानी थी जोकि अदा नहीं की गई। इसी दौरान दिनांक 12/01/2022 को बीमित व्यक्ति मटरू की मृत्यु हो गई और बीमित व्यक्ति की मृत्यु हो जाने के बाद ऑनलाइनल रिन्युवल प्रीमियम दिनांक 24/01/2022 को फर्जी रूप से नफ़ा  नाजायज़ कमाने के उद्देश्य से जमा किया गया जबकि ये प्रीमियम जमा किये जाने से पहले ही दिनांक 12/01/2022 को बीमित व्यक्ति मटरू की मृत्यु हो चुकी थी।दिनांक 30/11/2021 व 31/12/2021 को देय प्रीमियम जमा नहीं किया गया जिसके आधार पर आयोग द्वारा यह अवधारित किया गया कि प्रश्नगत पॉलिसी बीमित व्यक्ति की मृत्यु के पूर्व दिनांक 30/11/2021 व 15 दिन के ग्रेस पीरियड सहित दिनांक 15/12/2021 को लेप्स हो चुकी थी ऐसे में यह नहीं कहा जा सकता कि बीमा कंपनी द्वारा उपभोक्ता सेवा में कोई कमी अथवा अनुचित व्यापारिक व्यवहार कारित किया है उपरोक्त आधारों पर परिवादी का परिवाद निरस्त कर दिया गया।

बीमा कंपनी अदा करे 5130000 रु - जिलाउपभोक्ता आयोग

बहजोई निवासी ममता देवी के पति ने एक्सिस बैंक से अपने व्यापार करने के लिए ऋण लिया था जिसकी सुरक्षा हेतु बैंक ने मैक्स लाइफ इंश्यो...