केस का शीर्षक - रजिया बनाम उत्तर प्रदेश राज्य
संक्षेप में मामला
ट्रायल कोर्ट ने याचिकाकर्ता/मुस्लिम महिला द्वारा दायर सीआरपीसी की धारा 125 के तहत आवेदन की अनुमति पांच मुद्दों को तय करने के बाद दी। विचारण न्यायालय द्वारा पारित आदेश से व्यथित होकर प्रतिवादी नंबर दो/पति ने अपीलीय न्यायालय के समक्ष पुनर्विचार याचिका दायर की।
अपीलीय न्यायालय/एएसजे ने प्रतिवादी नंबर एक/मुस्लिम महिला के पक्ष में दिया गया 1000/- रुपये के भरण-पोषण भत्ता रद्द कर दिया और प्रतिवादी नंबर दो और तीन (बच्चे) का भरण-पोषण भत्ता 500 रुपये प्रति माह से घटाकर 250 रुपये प्रति माह कर दिया।
अपीलीय न्यायालय ने दानियाल लतीफी और एक अन्य बनाम भारत संघ एआईआर 2001 एससी 3958 के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भरोसा करते हुए केवल इस आधार पर संशोधन की अनुमति दी कि चूंकि प्रतिवादी नंबर एक को प्रतिवादी नंबर दो द्वारा तलाकशुदा है, इसलिए, दोनों मुस्लिम महिला (तलाक पर अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम 1986 द्वारा शासित हैं।
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