Wednesday, August 14, 2024

परिसीमा अवधि निर्णय और डिक्री की तारीख से शुरू होती है, न कि डिक्री तैयार होने पर- कलकत्ता हाईकोर्ट

सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908, आदेश 21, नियम 32 - परिसीमा अधिनियम, 1963, अनुच्छेद 136 - स्थायी निषेधाज्ञा की डिक्री - डिक्रीधारक को केवल 1,50,048/- रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया गया था और ऐसी धनराशि के भुगतान पर, डिक्री के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी। - यह पाया गया है कि जिस समय सीमा के भीतर वादी/डिक्रीधारक को ऐसा भुगतान करना है, उसका डिक्री में स्पष्ट रूप से उल्लेख नहीं किया गया है। - जब डिक्री में समय सीमा का कोई उल्लेख नहीं है, तो अदालत डिक्रीधारक से यह नहीं पूछ सकती है कि उसने निर्दिष्ट समय के भीतर ऐसी डिक्री राशि का भुगतान क्यों नहीं किया है। - राशि जमा करने के लिए आवश्यक अनुमति के लिए डीएच द्वारा दायर आवेदन को स्वीकार कर लिया गया।


No comments:

Post a Comment

High Court quashed criminal proceeding

High Court quashed the criminal proceedings under Sections 498A, 323, 406 IPC and Section 4 of the Dowry Prohibition Act, 1960, in view of a...